ओडिशा ट्रेन हादसा पर दमदार 24 न्यूज़ का कथन
ओडिशा ट्रेन हादसा पर दमदार 24न्यूज़ का कथन _
संवाददाता _अजीत पाण्डेय की ज़मीनी रिपोर्टः _
जब लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी कोरोमण्डल एक्सप्रेस को थ्रू पास का सिग्नल दिया गया था फिर सिग्नल कैंसिल किया गया एक ऐसा सवाल जो पूरा राष्ट्र जानना चाहेगा कि चलो सिग्नल कैंसिल किया पर ट्रेन लूप लाइन पर कैसे गई जब लूप लाइन पर पहले ही मालगाड़ी खड़ी हुई थी ?
एक लाइन से ट्रेन को दूसरी लाइन पर डालने के लिए कैंची डाली जाती है जिसे लिवर के माध्यम से बदला जाता है तब ही ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन पर शिफ्ट होगी अगर रेलवे कर्मचारी लिवर चेंज नही करेगा तो गाड़ी अपने सीधे ट्रैक पर चलती रहेगी इस 3 गाड़ियों के एक्सीडेंट का रहस्य लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी के ही लूप लाइन पर जाकर 128 किलोमीटर प्रति घण्टे की स्पीड से टकराई कोरोमण्डल एक्सप्रेस ।
डबल ट्रैक पर अप व डाउन ट्रैक होते हैं लूप लाइन हर स्टेशन पर एक्सट्रा लाइन होती है जो मुश्किल से दो किलोमीटर के आसपास होती है ।
जब कोरोमण्डल एक्सप्रेस मालगड़ी से टकराई तो हादसा इतना भीषण था कि कोरोमण्डल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के डब्बे पर चढ़ गया व इंजन के डब्बे बंगलोर से हावड़ा जाने वाली सुपरफास्ट जो 117 किलोमीटर की स्पीड पर थी दुर्घटना स्थल से आगे भी बढ़ चुकी थी पीछे के 3 डब्बों से कोरोमण्डल एक्सप्रेस के डब्बे टकरा गए कोरोमण्डल एक्सप्रैस के 13 डब्बे छतिग्रस्त हुए ।
देश ये मानकर चले ये ट्रेन कोई हादसा नही बल्कि सोची समझी साजिश है बाड़ ही खेत को खा गई ट्रेन को सिग्नल देकर सिग्नल कैंसिल साजिश की बू फिर सिग्नल कैंसिल हो गया पर ट्रेन पटरी बदलकर अपने आप तो लूप लाइन पर नही गई रेलवे कर्मचारी ने ही उसे लूप लाइन पर लिवर के जरिये शिफ्ट किया
अगर ट्रेन सिग्नल कैंसिल के बाद सीधी अपने ट्रैक पर सिग्नल से गाड़ी क्रॉस हो चुकी थी या तेज स्पीड के कारण ट्रेन सिग्नल कैंसिल के बाद भी आगे बढ़ी ये अलग विषय है सवाल तो ये है कोरोमण्डल एक्सप्रेस लूप लाइन पर शिफ्ट नही होती तो मालगाड़ी से नही टकराती और बंगलोर से हावड़ा जाने वाली ट्रेन अपने अपने ट्रैक पर आगे बढ़ जाती क्योंकि सिंगल लाइन ट्रैक नही डबल लाइन ट्रैक था मालगाड़ी सेफ लूप लाइन पर खड़ी थी ।
ये 3 ट्रेनों का एक्सीडेंट कोई हादसा नही है।
जांच में सब चेहरे बेनकाब होंगे।