
महाराष्ट्र का महाभारत, पार्ट-2 : NCP फिर हुई दोफाड़, अजित पवार बने शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम
भाजपा-शिवसेना को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने का एनसीपी का फैसला 2024 से पहले विपक्षी एकता के लिए एक बड़ा झटका है. यह फैसला शरद पवार की मंजूरी के बिना नहीं लिया जा सकता था और यह कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी को थोपने की कोशिश का नतीजा है.
एकनाथ शिंदे के साथ विधायक
◆ बीजेपी- 105
◆ शिवसेना (शिंदे गुट)- 40
◆ NCP (अजित पवार गुट)- 40
◆ अन्य पार्टियां- 8
◆ निर्दलीय- 13
महाअघाड़ी गठबंधन के पास विधायक
◆ NCP (शरद पवार गुट)- 13
◆ कांग्रेस- 45
◆ शिवसेना (उद्धव गुट)- 17
◆ अन्य पार्टियां- 7
मराठा क्षत्रप शरद पवार के लिए मुश्किलें यहीं कम नहीं हो रही है. अजित पवार अब NCP पर भी दावा ठोक सकते हैं क्योंकि पार्टी के 53 में से 40 विधायक उनके साथ हैं.
■ NCP के पांच में से 3 सांसद अजित पवार के साथ हैं जिसमें प्रफुल्ल पटेल जैसा बड़ा नाम भी है. प्रफुल्ल पटेल को हाल ही में शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले के साथ कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था.
■ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के खास कहे जाने वाले शरद पवार के भतीजे और विपक्ष के नेता अजित पवार ने अपनी पार्टी को झटका दे दिया है। वे एनसीपी का दामन छोड़ अब एनडीए यानी महाराष्ट्र की सरकार में शामिल हो गए हैं।
■ एनसीपी में दरार उस समय शुरू हुई, जब पार्टी का 25वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जा रहा था। दरअसल, एनसीपी के स्थापना दिवस समारोह में अध्यक्ष शरद पवार ने बड़ा एलान किया था। पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और पार्टी के उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया था।
गौरतलब है कि उद्धव गुट और शिंदे गुट के बीच सियासी तकरार उस वक्त शुरू हो गई थी, जब एकनाथ शिंदे ने अपने खेमे के कुछ विधायकों के साथ उद्धव गुट से बगावत कर दी थी. इसके बाद शिवसेना नेता कुछ दिनों तक गुवाहाटी के होटल में भी जाकर ठहरे थे. इसके बाद लौटकर उन्होंने भाजपा के साथ सरकार बनाने का दावा ठोंका था.
एनसीपी के पास मौजूदा समय में 54 सीटें हैं, पार्टी तोड़ने के लिए उन्हें 2/3 सीटें चाहिए. यानी कि अजित पवार के साथ 36 से ज्यादा विधायक होने चाहिए. उनका दावा है कि 40 विधायक उनके साथ हैं.