
बुंदेलखंड में केन-वेतवा लिंक परियोजना (ढाैंडन बांध) प्रभावित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में विना काम किऐ लाखाे के भुगतान सरपंच व सचिव जमकर कर रहे भ्रष्टाचार.
52.बिजावर विधानसभा क्षेत्र में शासन लाचार सत्ता के मद में मस्त जनप्रतिनिधि, विस्थापित होंगे गांव सार्वजनिक सूचना नाेटिस हाे गऐ जारी, विकास का नहीं कोई मतलब शासन काे लग रहा लाखाे का चूना
बुंदेलखंड में प्रशासनिक योजना का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है, जनप्रतिनिधि सत्ता के मद में मस्त हैं, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में जनपद पंचायत बिजावर की लगभग 5-6 ऐसी ग्राम पंचायतें है जाे 14 ग्रामों की केन वेतवा लिंक परियाेजना ढाैडन बांध में शामिल है इनमें खरयानी, पलकाैआं, सुकवाहा, कुपी, नाैगुवां ,कदवारा सामिल है जिनमें भू अर्जन 2023 के अंतर्गत सार्वजनिक सूचना नोटिस जारी किऐ जा चुके है l बावजूद इसके इन पंचायताें काे लाखाें रूपऐ निर्माण कार्य के लिऐ दिऐ गऐ है l जिनमें सरपंच व सचिव मिलकर जमकर लूट खपाेट कर लाखाें डकार गऐ । पलकाेंहा ग्राम पंचायत में अभी तक लगभग 10 लाख से अधिक के कार्य कराए जा चुके हैं, जिसमें बिना काम किए ही लाखाे रूपऐ की राशि कागजी घाेड़े दाैड़कर भुगतान कर ली गई । जिसमें नाली निर्माण ,साफ सफाई आदि और भी कार्यों के नाम पर बिल लगा भुगतान कर लिऐ गऐ ,साफ सफाई, रितिका ट्रेडर्स एवं कंस्ट्रक्शन के लगाऐ गऐ जिसमें लिखा है, विल नं. 236 के अनुसार ना ऐ लिखा गया कि कंस्ट्रक्शन से काैन सा माल कितनी तादत में खरीदा गया है l जिसमें सीधा यह लिख दिया गया है कि बिल नंबर 236 के अनुसार सूत्राे से प्राप्त जानकारी के ज्ञात हाे की पहले भी प्रदर्शन में इनही पंचायताें काे बात सामने आई भी बाबजूद इसकें पंचायत की अभी तक जांच भी नही कराई गई कारवाही ताे दूर ऐसे मामलाे उजागर मामलाें पर कार्यवाही ना करना बड़े भ्रष्टाचार अधिकारियों की सांठगांठ की ओर इशारा कर रहा है ऐसें में जनपदाें में पदस्थ इंजीनियरिंग कुंभकरण की नींद में सोए हुए है, जिनहै केबल मतलब परसेंट से है यदि मौके पर यह पहुंचते हाेते ताे शायद जमीनी स्तर के निर्माण कार्य नजर आते अब निर्माण कार्य जमीन पर नहीं कहां गऐ इंजीनियर लेआऊट देने के साथ-साथ निर्माण हुऐ कार्यों की समीक्षा भी करता हैं | बाबजूद इसके निर्माण कार्यों का ना हाेना मौके पर ना होना और मौके पर बिना कार्य कराए ही भुगतान हो जाना भ्रष्टाचार शिष्टाचार साबित हाेता दिखाई दे रहा है l अब इसमें भी सरकार काे लाखाें राशि की क्षति पहुंच रही है l जब यह ग्राम पंचायते प्रभावित डूब क्षेत्र में आ रही है ताे इन पंचायताें में निर्माण कार्य के नाम पर राशि क्यों भुगतान की जा रही है l इन ग्राम पंचायताें में निर्माण कार्य और सुंदरीकरण जैसे कार्यों का ताे सवाल ही नहीं उठता।