
मुजफ्फरनगर में अदालत में गवाह मुकर गए, सुबूतों ने दिलाई दोषियों को सजा,,सरिये से मृतका के शव को क्षत-विक्षत कर बलि का रूप देने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने सरिया भी बरामद किया था।
मुजफ्फरनगर। कपूरगढ़ की हिमांशी की सनसनीखेज हत्या चौकाने वाली थी। दोषियों ने वारदात को बलि का रूप देने की कोशिश की थी। अदालत में मृतका के माता-पिता और पड़ोसी गवाह पक्षद्रोही हो गए थे। मगर, काजल के मोबाइल, कुंडल, सरिया और अन्य सुबूतों के आधार पर अदालत ने सजा सुनाई।सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी वीरेंद्र नागर ने बताया कि भौराकलां थाना क्षेत्र के कपूरगढ़ गांव से तीन फरवरी 2019 को संदिग्ध हालात में हिमांशी (12) गायब हो गई थी। सात फरवरी 2019 की सुबह पांच बजे घर के पास बोरे में हिमांशी का शव बरामद हुआ था। लाश बोरे से निकलते ही सबका दिल पसीज गया था। गला दबाकर और सरिये से पीटकर बेरहमी से हत्या की गई थी।
जांच के दौरान डॉग स्क्वॉड पीडि़त परिवार के गांव के बाहर स्थित घेर में बने एक कमरे में पहुंचा तो वारदात खुलती चली गई। पुलिस ने मौके से मोबाइल, कुंडल सहित अन्य साक्ष्य बरामद किए। जांच में दोनों काजल के निकले। इसी आधार पर पुलिस ने उससे पूछताछ की तो वारदात खुल गई। कॉल डिटेल आधार बनीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, विवेचक तत्कालीन एसओ धर्मेंद्र सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों ने अभियोजन के पक्ष में गवाही दी। साक्ष्यों और विवेचना को मुख्य आधार मानते हुए अदालत ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।वारदात में जेल गई काजल का जमानत मिलते ही बागपत के युवक के साथ विवाह कर दिया गया था। वर्तमान में वह नौ माह की गर्भवती है और डॉक्टरों ने प्रसव के लिए एक सितंबर का समय दिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता उदयपाल प्रजापति ने अदालत से काजल के लिए विशेष इंतजाम की मांग रखी। इसके बाद जेल अधीक्षक को सभी जरूरी देखभाल की व्यवस्था कराने के आदेश दिए गए हैं।
तीन फरवरी की शाम करीब साढ़े छह बजे हिमांशी गायब हुई थी और सात फरवरी की सुबह पांच बजे शव बरामद हुआ। दोषी चार दिन तक शव छिपाए रहे। सरिये से मृतका के शव को क्षत-विक्षत कर बलि का रूप देने की कोशिश की गई थी। पुलिस ने सरिया भी बरामद किया था।
मुजफ्फरनगर। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी वीरेंद्र नागर ने बताया कि हिमांशी की बेरहमी से हत्या की गई थी। गला दबाया और सरिये से पिटाई की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साबित हुआ कि मरते वक्त हिमांशी की आंखों में खून उतर आया था। मुकदमे में तीन एफआईआर कराई गई थी। एक आरोपी के समर्थन में पीडि़त पक्ष ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया था। पुलिस ने जांच के बाद काजल और मोहित के खिलाफ ही आरोप पत्र दाखिल किया।