
सम्पूर्ण भारतवर्ष
जन्मदिवस मनाने का नया प्रचलन चल रहा है
रिपोर्टः __अजीत पाण्डेय
दरअसल आजकल शहरो में बाइक की सीट पर या कार के बोनट पर केक काटने की परंपरा शुरू हुई है।
इसमें प्रमुख तौर पर आयोजक मंडली के सभी सदस्य अधिकांशता बेरोजगार होते हैं। 38-40 लोगों का ग्रुप होता है जिसमे ज्यादातर भावी नेता भावी प्रधान भावी बिधायक इत्यादि शामिल होते है जो हर तीसरे दिन किसी न किसी बगिया या रोड़ के किनारे या बड़े बड़े हाइवे पर केक काटते मिल जाते है। इनमे हथियार दिखाने का नशा प्रमोट करने का नया चलन शुरू हुआ है।
कई जगह तो तलवार और तमंचे से केक काटने के रिवाज चले है। मां बाप भांग खाकर सो रहे है। औलाद जिंदगी मे बर्बादी का धनिया बो रही है।
और हाँ केक खाने के बजाय मुँह में लगा दिया जाता है ।
केक भी सोचता होगा मैं किसलिए बना हूं ।।और कभी कभी यही केक को मुँह और नाक में चले जाने की वजह से लोगों ने अपनी जान भी गँवा दिया है !! कृपया सावधान रहें सतर्क रहें !! जीवन बहुत ही अनमोल है इसको व्यर्थ ना गंवाये !!