अपराधताजा खबर

काशीराम कॉलोनी में गरीब असहाय लोगों को छत मिली पर दबंग लोगों से बचाए कौन

काशीराम कॉलोनी में गरीब असहाय लोगों को छत मिली पर दबंग लोगों से बचाए कौन

अपराधी किस्म के लोगों को संरक्षण देने का अड्डा बना काशीराम कॉलोनी

सूत्र प्रतापगढ़ जनपद में जोगापुर मुर्गीफार्म,जीआईसी स्कूल, जैसे क्षेत्रों में काशी कॉलोनी का निर्माण कराया गया और गरीब व असहाय लोगों को छत भी मुहैया कराई गई पर बिना किसी भौतिक सत्यापन के इसमें

जीविका करने वाले लोगों की आंकड़े क्या ? है।इसका कुछ अता पता नहीं है

बताते चलें कि पुलिस अधीक्षक सत्यपाल अंतिल जनपद भर में अवैध कार्यों को अंजाम देने वाले एवं संरक्षण देने वालों पर पैनी नजर डालते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई करने का कार्य कर रहे है। पर इन्हीं के मातहत कप्तान के बेहतर कार्यशैली पर पानी फेरने एवं धूल झोंकने का काम कर रही है

आखिरकार क्षेत्र के दबंगों पर किसके दबाव होने के कारण कार्यवाही करने से डरती है स्थानीय पुलिस बड़ा

सवाल। मौजूदा हालात में इस समय अब इन कालोनियों में किस प्रकार के लोग रह रहे हैं। जिसका जब मन में आया खाली पड़े मकानों को कब्जा कर गलत कार्यों को अंजाम देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। कमोबेश खाली पड़े सभी कमरों में यही हाल हैं

जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते अब यही काशीराम कॉलोनी परिसर के अंदर दबंग व शरारती तत्व के लोग जबरन कब्जा जमा कर रहकर अवैध कार्यों को अंजाम दिया कर रहे हैं यहां पर शाम होते ही लोग शराब के नशे में धुत होकर लोग गरीब असहाय लोगो से गाली गलौज व मारपीट करते हैं

सूत्रों के अनुसार काशीराम कॉलोनी में लोगों की सूची के आंकड़े क्या है? किसके पास है इसकी जानकारी किसी के पास है नहीं जानकारी के अनुसार परिसर में कुछ शरारती तत्व के लोग चोरी चुपके शाम होते ही अलग-अलग जगहों पर दर्जनों ई रिक्शा चार्जिंग कराने का जिम्मा ले रखा है जिससे अवैध विद्युत चोरी के चलते विद्युत विभाग को भी भारी नुकसान सहना पड़ रहा है

जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन इन कालोनियों में रहे लोगों की सत्यापन करा पाने में लाचार दिखाई पड़ रही अब देखने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन द्वारा इनके विरुद्ध क्या एक्शन लेते हैं या फिर यूं ही मचा रहता है रामराज यहां तक की कुछ फर्जी पत्रकारिता के रूप में सरकारी कामकाज में भी बाधा डालने का काम करते हैं और सरकारी सामग्री को अपनी संपत्ति समझते हैं और इसी पत्रकारिता के आड़ में फर्जी काम भी बराबर होता रहता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button