धर्म

कैलख संस्कृत रत्न पुरस्कार 2023 श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को मिलेगा

प्रेस विज्ञप्ति

“कैलख संस्कृत रत्न पुरस्कार 2023 श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को मिलेगा

महामहिम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी होंगे सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि” – महन्त रोहित शास्त्री

प्रेस विज्ञप्ति

“कैलख संस्कृत रत्न पुरस्कार 2023 श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को मिलेगा

*महामहिम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी होंगे सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि” – महन्त रोहित शास्त्री*

स्वामी जी वर्तमान में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य और श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल कटरा गुरुकुल की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष हैं।

जम्मू कश्मीर : श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को इस वर्ष का कैलख रत्न पुरस्कार दिया जाएगा। उन्हें यह सम्मान देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए दिया जाएगा। इसकी जानकारी श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ने दी। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए देववाणी संस्कृत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए हर वर्ष संस्कृत के किसी विद्वान को कैलख संस्कृत रत्न पुरस्कार देने का सिलसिला सन् 2017 से शुरू किया गया है।

इस वर्ष ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि संस्कृत के विद्वान श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को यह पुरस्कार दिया जाए। स्वामी जी वर्तमान में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य और श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल कटरा गुरुकुल की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष हैं। इसके अतिरिक्त स्वामी जी सूरतगिरी बांग्ला, हरिद्वार के ग्यारहवें अध्यक्ष और सन्यास आश्रम विले पार्ले मुंबई के अध्यक्ष हैं। 18 साल की उम्र में स्वामी जी पहली बार ब्रह्मचारी के रूप में सन्यास आश्रम आए। 6 मई 1981 को स्वामी जी ने सन्यास की दिशा ली। स्वामी जी ने अपना वेदांताचार्य संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से और एम.ए. मुंबई विश्वविद्यालय से किया। 10 मई 1995 को उनके गुरु जी ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री स्वामी ब्रह्मानंद गिरि जी महाराज ने उन्हें आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी और उन्हें संत-महात्माओं की उपस्थिति में महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया। स्वामी जी भारत और विदेशों में आध्यात्मिक व्याख्यानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वैदिक धर्म के बारे में जागरूकता फैलाने और संगठित करने में गहराई से शामिल हैं। वर्तमान में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य और श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल कटरा के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष हैं। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में शुरू से ही उनकी सक्रिय भूमिका रही। उन्होंने श्री माता वैष्णो देवी गुरुकुल कटरा के माध्यम से संस्कृत भाषा, सांस्कृतिक और विरासत मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए उनका कार्य सराहनीय रहा है।

श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज देववाणी संस्कृत भाषा एवं भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हुए समाज के उत्थान में अपनी विशिष्ट भूमिका निभा रहे हैं। श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज का भारत में संस्कृत भाषा के संवर्धन व विकास में अमूल्य योगदान रहा है। उनके द्वारा पढ़ाए गए छात्र आज प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार में उच्च पदों पर पदस्थ हैं। युवा पीढ़ी को भी श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज का अनुसरण कर प्रदेश एवं राष्ट्र संस्कृति संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। जल्द ही जम्मू में भव्य आयोजन कर श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के महामहिम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होगे।
*स्वामी जी वर्तमान में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य और श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल कटरा गुरुकुल की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष हैं।

जम्मू कश्मीर : श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को इस वर्ष का कैलख रत्न पुरस्कार दिया जाएगा। उन्हें यह सम्मान देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए दिया जाएगा। इसकी जानकारी श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ने दी। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से देववाणी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए देववाणी संस्कृत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए हर वर्ष संस्कृत के किसी विद्वान को कैलख संस्कृत रत्न पुरस्कार देने का सिलसिला सन् 2017 से शुरू किया गया है।

इस वर्ष ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि संस्कृत के विद्वान श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को यह पुरस्कार दिया जाए। स्वामी जी वर्तमान में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य और श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल कटरा गुरुकुल की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष हैं। इसके अतिरिक्त स्वामी जी सूरतगिरी बांग्ला, हरिद्वार के ग्यारहवें अध्यक्ष और सन्यास आश्रम विले पार्ले मुंबई के अध्यक्ष हैं। 18 साल की उम्र में स्वामी जी पहली बार ब्रह्मचारी के रूप में सन्यास आश्रम आए। 6 मई 1981 को स्वामी जी ने सन्यास की दिशा ली। स्वामी जी ने अपना वेदांताचार्य संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से और एम.ए. मुंबई विश्वविद्यालय से किया। 10 मई 1995 को उनके गुरु जी ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री स्वामी ब्रह्मानंद गिरि जी महाराज ने उन्हें आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी और उन्हें संत-महात्माओं की उपस्थिति में महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया। स्वामी जी भारत और विदेशों में आध्यात्मिक व्याख्यानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वैदिक धर्म के बारे में जागरूकता फैलाने और संगठित करने में गहराई से शामिल हैं। वर्तमान में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सदस्य और श्री माता वैष्णो देवी संस्कृत गुरुकुल कटरा के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष हैं। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में शुरू से ही उनकी सक्रिय भूमिका रही। उन्होंने श्री माता वैष्णो देवी गुरुकुल कटरा के माध्यम से संस्कृत भाषा, सांस्कृतिक और विरासत मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए उनका कार्य सराहनीय रहा है।

श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज देववाणी संस्कृत भाषा एवं भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हुए समाज के उत्थान में अपनी विशिष्ट भूमिका निभा रहे हैं। श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज का भारत में संस्कृत भाषा के संवर्धन व विकास में अमूल्य योगदान रहा है। उनके द्वारा पढ़ाए गए छात्र आज प्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार में उच्च पदों पर पदस्थ हैं। युवा पीढ़ी को भी श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज का अनुसरण कर प्रदेश एवं राष्ट्र संस्कृति संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। जल्द ही जम्मू में भव्य आयोजन कर श्री महामंडलेश्वर स्वामी श्री विश्वेश्वरानंद गिरि जी महाराज को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के महामहिम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होगे।

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