छुट्टी के लिए फरियाद करता रह गया कांस्टेबल पत्नी और बच्चे की हो गई मौत
पुलिस विभाग में बढ़ रही संवेदनहीनता से विभागीय लोग परेशान
जालौन सिपाही की पत्नी प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई सिपाही विभाग में छुट्टी की मांग करता रहा लेकिन विभाग से छुट्टी नहीं मिल सकी और उधर देखरेख के अभाव में डॉक्टरों की लापरवाही से सिपाही की पत्नी और नवजात बच्चे की मौत हो गई जब विभाग को इस बात की जानकारी मिली कि छुट्टी मांगने वाले सिपाही के नवजात बच्चे और पत्नी की प्रसव के दौरान मौत हो गई तो पुलिस विभाग में हड़कम्प मच गया और आनन फानन में पुलिस कप्तान ने पत्र जारी करके सभी थानेदार क्षेत्राधिकारी को छुट्टी स्वीकृत करने के कड़े निर्देश दे दिया अब सवाल उठता है कि जिस सिपाही की पत्नी और बच्चे की मौत हो गई है उसकी मौत के बाद उसे सिपाही के लिए कप्तान साहब के आदेश का क्या मतलब रह गया है पुलिस विभाग में बढ़ते संवेदनहीनता के चलते विभागीय लोग ही परेशान होते जा रहे हैं
एसओ साहब से एक पुलिस कांस्टेबल छुट्टी की जायज फरियाद करता है, जिसमें कारण दिया गया था कि संबधित कांस्टेबल की पत्नी डिलिवरी हेतु अस्पताल में एडमिट है लेकिन कप्तान साहब के आदेशानुसार SO द्वारा कांस्टेबल को घर जाने की छुट्टी नहीं दी जाती है. इसी बीच कांस्टेबल विकास निर्मल की पत्नी एवं नवजात बच्ची की दुखद मौत हो जाती है. अंत में कांस्टेबल ने कप्तान से लगाई गुहार तब कहीं जाकर कांस्टेबल अपने गृह जनपद मैनपुरी के लिए निकलता है जहां उसकी मासूम नवजात बच्ची और उसकी पत्नी दोनों मृत पड़े हुए हैं.
इस घटना से पता चलता है कि विभागों में नैतिकता का स्तर क्या है. हम एक इंसान के नाते कितना नीचे गिर रहे हैं. मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. क्या विभाग कोई एक कारण बता सकता है जिम्मेदार कप्तान और SO पर हत्या का मुकदमा नहीं दर्ज होना चाहिए अब सब ठीक है उस कांस्टेबल ने अपना परिवार खो दिया अब वो आराम से ड्यूटी करेगा. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की क्यूँ न हो. मामले में लीपापोती जारी.