देश के लिए किया गया हर सर्वस्व बलिदान समान है !! हर वीरगति को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिये !!
#अग्निवीर योजना के अंतर्गत सेना भर्ती हुए पहले शहीद 19 वर्षीय पंजाब के अमृतपाल पाल सिंह बुधवार को पुंछ (जम्मू-कश्मीर) में नियंत्रण रेखा के पास ड्यूटी के दौरान वह शहीद हो गए।
यह दुखद है कि उनके शव को उनके परिवार वाले सेना के वाहन से नहीं बल्कि निजी एंबुलेंस से गांव लाए थे। उनके दाह संस्कार के समय सेना की कोई भी इकाई मौजूद नहीं थी !! और उन्हें सेना का कोई गार्ड ऑफ ऑनर भी नहीं दिया गया। ग्रामीणों के अनुरोध पर स्थानीय पुलिस ने हमारे बहादुर जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
यह सब सरकार की नई #Agniveer नीति के कारण है। यही कारण है कि सेना की कोई भी इकाई उनके पार्थिव शरीर को गांव नहीं लायी और न ही सेना का कोई गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। हमारे शहीदों के साथ इस व्यवहार से पूरे देश को शर्मिंदा होना चाहिए।
यदि नीतिगत बात वास्तव में सच है, तो बहुत ही शर्मनाक है। हमारे शहीदों के साथ ऐसा व्यवहार बंद होना चाहिए और देश के लिए लड़ने वाले प्रत्येक सैनिक को उचित और सम्मानजनक सेना गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान करना चाहिए।