प्राइवेट एंबुलेंस और उनके चालकों से पीछा नहीं छुड़ा पा रहा, जिला अस्पताल फतेहपुर
संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में प्राइवेट एंबुलेंस लेकर खड़े चालक, गरीब जनता के लिए मुसीबत और परेशानी का सबब बने हुए हैं। कानपुर के लिए जिला अस्पताल से रेफर होने के बाद सक्रिय एंबुलेंस चालक सस्ता इलाज कराने के नाम पर मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती कराकर अपना कमीशन प्राप्त कर लेते हैं। यहां तक कि जिला अस्पताल मे सरकारी एंबुलेंस के आते ही सक्रिय हो जाते है। प्राइवेट एंबुलेंस चालक, मरीज और उनके तीमारदारों को सस्ता और अच्छा इलाज करवाने के नाम पर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर से ही बहलाने-फुसलाने लगते हैं, फिर उनको निजी अस्पताल में भर्ती कराकर अपना कमीशन प्राप्त कर लेते हैं।
इसके बाद निजी अस्पताल संचालक उनका आर्थिक शोषण करते हैं। ऐसे में शासन की ओर से मुहैया कराई गई सरकारी अस्पतालों में मुफ्त स्वास्थ्य सेवा का लाभ गरीबों को नहीं मिल पा रहा है।
आखिर न जाने वह कौन सा कारण है कि, कई बार मामला सुर्खियों में आने के बाद भी, जिला अस्पताल प्रशासन प्राइवेट एंबुलेंस को परिसर से बाहर करवाने में अक्षम साबित हो रहा है?