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बसंत पंचमी पर माघ मेले में टीचर और ट्रेनर की भूमिका में नज़र आई प्रयागराज पुलिस

बसंत पंचमी पर माघ मेले में टीचर और ट्रेनर की भूमिका में नज़र आई प्रयागराज पुलिस, आधा दर्जन दूसरे राज्यों की पुलिस और तमाम युनिवर्सिटीज व मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की टीमों को सिखाई क्राउड मैनेजमेंट की बारीकियां, कुशल प्रबंधन से हैरान हुए टीमों में शामिल डेलीगेट्स

प्रयागराज के माघ मेले में बसंत पंचमी के मौके पर भी आज श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। खराब मौसम के बावजूद संगम समेत दूसरे घाट ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की भीड़ से पटे रहे। बसंत पंचमी पर विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना की जाती है। इस खास मौके पर माघ मेला क्षेत्र तमाम राज्यों की पुलिस और देश की कई यूनिवर्सिटीज व मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के लिए पाठशाला बन गया। यूपी पुलिस यहां किस तरह से श्रद्धालुओं की सुरक्षा करती है, लाखों की भीड़ को नियंत्रित कर सेवाभाव से काम करती है और उसके कुशल मैनेजमेंट से सब कुछ बिना किसी हंगामे या परेशानी के शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न हो जाता है, इसे सीखने के लिए राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत देश के तकरीबन आधा दर्जन राज्यों की पुलिस की टीम पिछले दो दिनों से मेला क्षेत्र में डटी हुई है। टीमों ने यहां कम्युनिटी पुलिसिंग की अवधारणा को बेहद करीब से जाना।

इन राज्यों की पुलिस की टीम ने पहले डिजिटल प्रेजेंटेशन के जरिए यूपी पुलिस के कुशल मैनेजमेंट को समझा। इसके बाद आज संगम समेत दूसरे घाटों, रास्तों, पांटून पुलों के साथ ही प्रवेश व निकास द्वारों पर किए जाने वाले इंतजामों को देखा। इन राज्यों की पुलिस टीम को बताया गया कि यहां ड्यूटी करने वाले जवान मेले में न तो डंडे का प्रयोग करते हैं और न ही विशेष परिस्थितियों को छोड़कर किसी दूसरे अस्त्र-शस्त्र का। पुलिस यहां कानून व्यवस्था का पालन कराते हुए श्रद्धालुओं के जान-माल की सुरक्षा करती है, भीड़ को नियंत्रित करती है, साथ ही सेवाभाव से काम करते हुए श्रद्धालुओं के मित्र के तौर पर उनकी मदद भी करती है। तमाम श्रद्धालु गंगा के जल में स्नान करते हैं, इसलिए पानी में भी इनकी सुरक्षा के इंतजाम करने पड़ते हैं। इस बार गहरे जल में भी डायल 112 की इमरजेंसी सेवाएं मुहैया कराई गई हैं।

पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने इन राज्यों की पुलिस टीम को बताया कि लाखों की भीड़ को उनकी आस्था का सम्मान करते हुए उन्हें सकुशल स्नान कराकर घरों के लिए वापस भेजना और उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करना अत्यंत चुनौती भरा काम होता है, लेकिन महीनों के होम वर्क, कुशल प्रबंधन, रणनीति के अमलीकरण और मजबूत इच्छा शक्ति के जरिए इसे पूर्ण किया जाता है। आधा दर्जन राज्यों की पुलिस के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा यूनिवर्सिटीज व मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर और दूसरे छात्र भी पुलिस के प्रबंधन को जानने समझने के लिए आज मेला क्षेत्र पहुंचे।

दूसरे राज्यों की पुलिस व यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट की टीमों के लिए प्रयागराज कमिश्नरेट की पुलिस आज बसंत पंचमी के दिन टीचर और ट्रेनर की भूमिका में नजर आई। यूपी पुलिस का मैनेजमेंट सीखने आई टीमों के लिए तमाम चीजें हैरान कर देने वाली थीं। मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा और राजस्थान समेत दूसरे राज्यों की पुलिस टीम में शामिल अफसरों के मुताबिक माघ मेले के पुलिस मैनेजमेंट और वर्क कल्चर को वह अपने सूबों की पुलिस के साथ साझा करेंगे, ताकि किसी बड़े आयोजन में इस पर अमल करते हुए कार्यक्रमों को सुगमतापूर्वक संपन्न कराया जा सके। टीमों में शामिल डेलीगेट्स ने इस मौके पर पुलिस मैनेजमेंट के नोट्स तैयार किए। फोटो और वीडियो ग्राफी की वा श्रद्धालुओं से भी बातचीत की। कुछ विदेशी संस्थानों ने भी माघ मेले में पुलिस के बेहतर मैनेजमेंट को सीखने के लिए यहां अपनी टीम भेजने हेतु संपर्क किया है।

मध्य प्रदेश की पुलिस टीम में शामिल सौरभ सोनी, झारखंड पुलिस टीम के रवि कुमार सिंह, पीयूष जायसवाल और अभिषेक कुमार राय के मुताबिक उन्हें यहां कम्युनिटी और फ्रेंड पुलिस का जो अनुभव हुआ, वह उनके करियर में बेहद अहम है।

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