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भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य आचार्य काशी से अयोध्या हुए रवाना

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य आचार्य काशी से अयोध्या हुए रवाना,महिलाओं ने राम भजन गाकर किया विदा

वाराणसी।अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी।प्राण प्रतिष्ठा का पल जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है रामभक्तों के चेहरे पर खुशियों का लहर मार रहा है। यह प्रमाणित होता है कि जब आध्यात्मिक नगरी काशी से ब्राह्मणों का दल रामनगरी अयोध्या के लिए रवाना हुआ तो काशी के लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका अभिवादन किया।आज मंगलवार जब काशी से प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित अपने मंगला गौरी के आवास के गोलघर पहुंचे तो उनके पीछे-पीछे बड़ी संख्या में लोग और शहर दक्षिणी के विधायक नीलकंठ तिवारी ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ उनका अभिवादन किया।जब लक्ष्मीकांत दीक्षित रामनगरी के लिए रवाना हो रहे थे तो उनपर पुष्प वर्षा की गई।

जब प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को पूर्ण कराने के लिए मुख्य आचार्य पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित आध्यात्मिक नगरी काशी से रामनगरी अयोध्या जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठे तो ब्राह्मणों ने शंखनाद कर इसकी शुरुआत की।बड़ी संख्या में महिलाओं ने राम के गुणगान गाओ भजन के साथ पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी को विदाई दी।

मीडिया से बात करते हुए पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने कहा कि आज से जलयात्रा शुरू हो गई है। जलयात्रा का कार्यक्रम चल रहा है,कल सुबह यजमान प्रायश्चित का कर्म होगा। हमारे लोग वहां पूजन का कार्य शुरू कर चुके है। मैं उसमें आज शाम तक शामिल हो जाऊंगा।

लक्ष्मीकांत दीक्षित ने कहा कि 22 जनवरी को सुबह से ही पूजन शुरू हो जाएगा,लेकिन प्राण-प्रतिष्ठा का मुहूर्त दोपहर 12.30 पर है और वो तय मुहूर्त में ही किया जाएगा। 21 जनवरी को जब रामलला का शैय्या धीवास हो जाएगा तो 22 जनवरी को सुबह वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ रामलला को उठाया जाएगा। इसके लिए कई वैदिक ब्राह्मण भारत के अलग-अलग हिस्सों से अयोध्या पहुंच चुके हैं और कुछ आ रहे हैं। सभी मिलकर वेद मंत्रों का उच्चारण करेंगे और फिर रामलला उठेंगे व सिंहासन पर विराजमान होंगे।

लक्ष्मीकांत दीक्षित ने कहा कि मोदी जी का जो समय निर्धारित है वो मुख्य कार्य है। अन्य सहयोगी लोग कार्य कर रहे हैं, लेकिन यह साफ है कि मोदी जी मुख्य यजमान रहेंगे और वही प्राण-प्रतिष्ठा का कर्म करेंगे।

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