भारत के संविधान के पहले अनुच्छेद में ही लिखा है, ‘वी द पीपल ऑफ इंडिया दैट इज भारत’…असली नाम से पुकारने पर ऐतराज क्यों? हमारे किसी भी शास्त्र में इंडिया का उपयोग नहीं हुआ. हमारे राष्ट्रीय गान में भी भारत भाग्य विधाता है, वहां इंडिया भाग्य विधाता क्यों नहीं है?: इंडिया-भारत नाम विवाद पर प्रेस वेलफेयर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र कुमार पाण्डेय के द्वारा प्रतिक्रिया दिया गया !!