मुलायम के दम पर यूपी में सत्ता के शीर्ष पर पहुंची साइकिल में लगा बैक गियर,यूपी में पुराना जनाधार पाना सपा के लिए बड़ी चुनौती: धनंजय सिंह
लखनऊ।अखाड़े में कुश्ती के दांव में माहिर मुलायम सिंह यादव जब सियासत के अखाड़े में उतरे तो दमदार पहलवान बनकर उभरे थे।चंबल के बीहड़ से सटे इटावा से फर्राटा भरते हुई निकली साइकिल में समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव प्रयासों के ऐसे पैडल मारते गए कि प्रदेश में सत्ता का शिखर कई बार चूमा।
1992 में सपा के गठन के बाद शुरुआत के चार लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन का ग्राफ ऊपर उठता गया।उसके बाद ऐसा बैक गियर लगा कि चुनाव दर चुनाव वोट प्रतिशत गिरता चला गया और सीटें भी कम होती चली गईं।दूसरे राज्यों में भी लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाई, लेकिन साइकिल चल नहीं पाई।एक दो सीटों पर ही सफलता मिली।सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सीटें बढ़ाने की रणनीति बनाई है, लेकिन सपा के सामने अपना पुराना जनाधार पाने की बड़ी चुनौती है।
सपा ने 1996 में पहले ही लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत दर्ज कर 20.84 प्रतिशत वोट हासिल किया था।सपा ने बिहार में एक सीट पर जीत दर्ज की थी।ये