सर्वोच्च न्यायलय व उच्च न्यायलय में हिंदी का हो अनुमोदन !!
सर्वोच्च न्यायलय और उच्च न्यायलय में हिंदी का प्रचलन करने के लिये प्रेस वेलफेयर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट ने देश के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को निवेदन पत्र लिखकर माँग किया है !!
अगर ऐसा सरकार के द्वारा किया जाता है तो देश की जनता के ऊपर सरकार की बड़ी कृपा होंगी क्यूँकि हिंदी जिरह होने पर आमजन मानस को भी समझ में आयेगा और वह अपने मुकदमा में अधिवक्तायों को बेहतर सुझाव दे सकता हैं! दरअसल जब और देशो में उनके ही भाषा के द्वारा न्यायालय में अनुमोदन होता हैं! तो हमारे हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा में क्यों नहीं हो सकता है! हमारे देश की जब राष्ट्र भाषा ही हिंदी है! तो अंग्रेजी का प्रचलन बंद होना चाहिये !! प्रेस वेलफेयर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट बहुत ही जनमानस से मिलकर और उनसे वार्तालाप करके ही भारत सरकार को पत्रांक किया है !! जब न्यायालय के अंदर हिन्दी में जिरह होगा तो हर वादी और प्रतिवादी को समझ आयेगा और वह अपने अधिवक्ता का अपने मुकदमा में सही बिन्दु दे सकता है !!और इससे ये लाभ भी होगा कि न्यायालय में शेष मुकदमा ज़ल्द समाप्त होंगे और नागरिकों को तत्काल न्याय मिलने में मदद मिलेगा !! प्रेस वेलफेयर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट देश के नागरिकों से निवेदन करता है कि आप सब हमारे इस मुहिम में सहयोग करें !!