सुल्तानपुर
संवाददाता ऋषिकेश शुक्ला
सुल्तानपुर में जंगलराज दबंगों ने दी संविदा पर तैनात चिकित्सक को दर्दनाक मौत,पीट-पीट कर की हत्या,जमीन को लेकर था विवाद
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में जंगलराज कायम है।जयसिंहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ. घनश्याम त्रिपाठी की शनिवार शाम दबंगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। दबंगों ने दुस्साहस दिखाते हुए डाॅक्टर को टेंपो पर लादकर घर भिजवा दिया। फिर उन्हें परिवार द्वारा जिला अस्पताल लाया गया जहां उनकी मौत की पुष्टि हुई। इस घटना से पूरे शहर में सनसनी है। एसपी समेत आला अफसरों ने डॉक्टर की पत्नी का बयान दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।
56 वर्षीय डॉ. घनश्याम त्रिपाठी शनिवार शाम लगभग चार बजे ड्यूटी से शास्त्रीनगर स्थित आवास पहुंचे थे।पत्नी निशा तिवारी के अनुसार उन्होंने बताया कि उन्हें नारायणपुर निवासी अजय नारायण सिंह ने बुलाया है। इसलिए वह घर से सब्जी का पैसा लेकर निकल गए।
पत्नी निशा के अनुसार डॉ. घनश्याम ने शास्त्रीनगर में सरस्वती विद्यामंदिर के पीछे दो बिस्वा जमीन अजय नारायण सिंह के पिता जगदीश नारायण सिंह से खरीदी थी।पहले एक बिस्वा जमीन के लिए 25 लाख रुपये दिए थे।फिर दूसरे बिस्वा के लिए भी 25 लाख रुपये दिए।इसके बाद भी उन्हें कब्जा नहीं दिया गया था। पहले एक लाख रुपये और मांगे जो दे दिए गए थे। अब और रुपये की मांग बराबर हो रही थी।
पत्नी निशा ने बताया कि करीब साढ़े सात बजे उनके घर के सामने एक टेंपो रुका और उनके पति को बुरी तरह लहूलुहान उतारकर वहां से भाग गया। वे केवल इतना बोल पाए कि उन्हें अजय नारायण सिंह ने मारा है। इसके बाद अस्पताल लाने पर डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी।
इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव समेत अनेक अफसर और पुलिस बल अस्पताल पहुंच गया। वहीं पर पुलिस अधिकारियों ने डॉक्टर की पत्नी का बयान दर्ज किया।
जिला अस्पताल में चिकित्सक की पत्नी निशा तिवारी ने पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा को रोते हुए बताया कि उनके पति को बुरी तरह मारने के बाद टेंपो से भेज दिया गया था। टेंपो चालक उन्हें घायल अवस्था में उतारकर बिना पैसा लिए भाग गया था। नीता ने बताया कि उनके पति बिल्कुल मरणासन्न थे और बार-बार पानी मांग रहे थे। वे केवल इतना कह पाए कि उन्हें अजय नारायण सिंह ने मारा है।
डॉक्टर घनश्याम त्रिपाठी जयसिंहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर संविदा पर मेडिकल ऑफिसर थे। लगभग तीन साल पहले घनश्याम त्रिपाठी की तैनाती हुई थी। इसके पहले पीएचसी बेलहरी में भी रह चुके थे। शनिवार सुबह सीएचसी आए थे। लगभग दो बजे सुल्तानपुर के लिए रवाना हो गए थे। मूल रूप से लंभुआ में सखौली कला गांव के निवासी डॉ. त्रिपाठी सुल्तानपुर में शास्त्री नगर में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनके दो बेटे हैं। सीएचसी पर तैनात फार्मासिस्ट कयूम हदा अंसारी ने बताया कि वे बड़े सज्जन व्यक्ति थे। अपने काम से काम रखते थे उनका कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ था।
जमीनी विवाद में हुई हत्या में जिन लोगों का नाम आ रहा है, उनके खानदान के लोग सत्तारूढ़ दल में अहम पदों पर रहे हैं। भाजपा में इनकी ऊंची पहुंच बताई जाती है। इन लोगों की दबंगई कोई नई घटना नहीं है, इस बात को कोतवाली पुलिस से लेकर पुलिस के आला अधिकारी तक जानते हैं। फिर भी कोई इन पर हाथ डालने या इन पर लगाम लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था। यही वजह रही कि अचानक इतनी बड़ी वारदात सामने आई।
घटना की जानकारी मिलने पर भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ आर ए वर्मा, पूर्व विधायक देवमणि दुबे जिला अस्पताल पहुंचकर जानकारी ली। पूर्व विधायक देव मणि द्विवेदी ने कहा कि ऐसी जघन्य घटना पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
एसपी सोमेन वर्मा ने कहा कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। नगर कोतवाली समेत कई टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं।