इटावा।
➡ पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट रहीं कस्बे की कांशीराम कॉलोनी अब विवादों में हैं। कालोनी में बनवाए गए आवासों में 15 फीसद किराए पर उठाए गये और दस फीसदी आवास कब्जा हैं। कार्यदायी संस्थाओं ने जिन्हें आवास आवंटित किए, अब तक वे यहां रहने ही नहीं आए। कार्यदायी संस्थाओं की मिलीभगत से गरीबों के मकान हथियाने वाले फर्जी लाभार्थी कस्बे की कॉलोनियों के अलावा गांव में मकान बनाकर परिवार के साथ रह रहे हैं।
??? कार्यदायी संस्था ने आवासों का आवंटन कर पात्रों की सूची बनाई और लोगों को बसाकर देखरेख की कमान नगर पंचायत को सौंप दी। मगर, स्थिति यह है कि जिम्मेदार संस्थाओं द्वारा अब तक लाभार्थियों का सत्यापन ही नहीं कराया गया है।
➡ वहीं गुप्त सूत्रों की माने तो गरीबों के मकान के हक पर डांका डालने वाले फर्जी लाभार्थियों द्वारा बसाए गए किरायेदारों से 1000 से 1500 रुपए के करीब किराया वसूलते हैं। बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले में आज तक किसी भी जिम्मेदार का इस ओर ध्यान क्यों नहीं गया।
जनपद की नगर पंचायत बकेवर क्षेत्र की कांशीराम कॉलोनी का है मामला