सीएम योगी-
2012 से 17 के बीच प्रदेश की जनता चाचा भतीजे के बीच द्वंद्व का शिकार होती रही। भतीजे को लगता था कि चाचा हावी ना हो जाएं, इसलिए पैसे नहीं देते थे। यही कारण है कि 2012 से 17 के बीच आठ परियोजनाएं पूरी हो पाई थीं। 2017 से 22 के बीच हमने 20 परियोजनाओं को पूरा किया है। सिंचन क्षमता 2012 से 17 तक 195900 हेक्टेयर थी और 2017 से 22 के बीच 2317000 हेक्टेयर सिंचाई हुई है, जिससे 44 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
पहली बार गत वर्ष हमने बिजली के बिल में 50 फीसदी की छूट दी है। तब क्या कर रहे थे आप लोग। आपने कुछ नहीं किया और कुछ करना भी नहीं चाहते थे। 2023 24 के लिए हम फीडर को अलग कर रहे हैं। 1500 करोड़ का बजट इसके लिए प्रावधान कर चुके हैं। जिससे प्राइवेट नलकूप लगाने वाले किसानों को फ्री में बिजली उपलब्ध करा सकें।
नलकूपों को सोलराइज करने की कार्रवाई हुई है। अबतक 45342 किसानों को इससे आच्छादित किया है। 2023-24 में 30 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है। प्रदेश में टेल तक पानी पहुंचाने का कार्य बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ा है। पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 23 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिचाई करने की योजना इसी का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
प्रदेश में अलग-अलग विभाग की ओर से भी 30 हजार 642 तालाब और 1546 चेकडैम बनाये गये हैं। 13 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का कार्य हुआ है। 34974 रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य हुआ है। 30749 रियूज एंड रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाने का कार्य हुआ है। विभिन्न जनपदों में 9 नदियों को पुनर्जीवित किया गया है और 66 के साथ ये कार्य किया जा रहा है। भूगर्भीय जल के स्तर को ऊपर उठाने का कार्य किया जा रहा है।