हरिद्वार में फर्जी डॉक्टर और क्लिनिक की भरमार स्वास्थ्य विभाग अवैध क्लिनिक और हॉस्पिटल के संचालन को रोकने नें नाकाम
रिपोर्ट-अजीत पाण्डेय
हरिद्वार मे फर्जी डॉक्टर और क्लीनिक की भरमार स्वास्थ्य विभाग अवैध क्लीनिक ओर हॉस्पिटल के संचालन को रोकने में नाकाम
उत्तराखंड के हरिद्वार मे सिडकुल बनने के बाद से सिडकुल के आस पास बहार से आये लोगो की जनंसख्या मे लगातार बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद लव जिहाद जैसे मामले भी हरिद्वार मे बढ़ते जा रहे है मुख्यमंत्री भी लव जिहाद जैसे मुद्दों को लेकर बहुत चिंतित है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लव जिहाद पर एक बैठक भी की, लेकिन हरिद्वार का स्वास्थ्य विभाग लव जिहाद से बिल्कुल बेखबर है अब आप अगर यह सोचते हैं कि लव जिहाद से स्वास्थ्य विभाग का क्या लेना देना है तो हम आपको बता दे कि उत्तराखंड के हरिद्वार में संचालित हो रहे छोटे-छोटे अवैध क्लीनिक नर्सिंग होम वह हॉस्पिटलों पर स्वास्थ्य विभाग की नजरें नहीं पहुंच रही है सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार हरिद्वार मे ऐसे अवैध क्लिनिक संचालित हो रहे है जिन पर आसानी से गर्भपात कराया जाता है या फिर गर्भपात की दवाइयां आसानी से बिना डॉक्टर की सलाह के उपलब्ध हो रही है
आपको बता दें कि ताजा मामला अभी कुछ दिन पूर्व हरिद्वार जनपद के बहादराबाद थाना क्षेत्र के बहादराबाद में संचालित हो रहे भारत हॉस्पिटल का है जिसमे एक मुलिम युवक हिन्दू युवती को लेकर हॉस्पिटल पहुँचा जिसमे युवती की बिना मर्जी के ही भारत हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पैसे लेकर गर्भपात करने को तैयार थे जिसकी सूचना बजरंग दल के कार्ये करताओ मिली सूचना मिलते ही मोके पर जाकर हंगामा करते हुए बजरंग दल ने हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ नारेबाजी की इसके बाद उन्होंने हरिद्वार के सीएमओ को ज्ञापन देकर अवगत कराया था जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल को बंद कर हॉस्पिटल के संचालक ओर डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज करा कर जेल भिजवा दिया था परंतु अब सोचने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य महकमे की नजर में यह सब कुछ सामने आने के बावजूद भी क्षेत्र में अवैध हॉस्पिटल क्लीनिक व नर्सिंग होम पूरी तरह संचालित हो रहे हैं अब सवाल यह उठता है कि हरिद्वार में क्लीनिक नर्सिंग होम हॉस्पिटल किस की मिलीभगत से इतनी बड़ी तादाद में संचालित हो रहे है जिसका जीता जागता सबूत यह भी है की सब कुछ पता होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अनजान बना बैठा है अब इसे स्वास्थ्य विभाग का गठजोड़ कहे या फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही अब देखना ये होगा कि स्वास्थ्य विभाग कब कुम्भकरणी नींद से जागता है और ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कब कार्यवाही करता है जो चंद पैसों की खातिर किसी की भी जान का सौदा कर लेते हैं