
उत्तर प्रदेश के अन्दर फर्ज के साथ नाइंसाफी…जानें कैसे
दमदार 24न्यूज़ संवाददाता अफ़रोज़ सिद्दीकी की ख़ास रिपोर्ट
बीएसए साहब ध्यान दें
प्रतापगढ़ जिले में ज्यादातर सरकारी अध्यापक या तो कवि हैं या फिर पत्रकार। यदि वे कवि हैं !! तो एक हिसाब से फिर भी चल जाएगा क्योकिं साहब कहेगें मै रचना घर पर लिखता हूं, काव्य पाठ अवकाश दिवस पर या अवकाश लेकर करता हूं ।कुल मिलाकर साक्ष्य का अभाव बन जाता है ।
अब आइए पत्रकार पर, शिक्षक यदि स्कूल में रहेगा और घटना बाजार में घट जाए तो वह घटनाक्रम का पता कैसे करेगा , फोन के माध्यम से या फिर घटनास्थल पर जाकर। दोनों ही दशाओं में स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है ।
निवेदन सिर्फ इतना कि सरकारी अध्यापक बच्चों को शिक्षा दें !! शेष कार्य के लिए बेरोजगार हैं !! वो लोग करेगें ।
इतना एहसान आपका काफी है आठ बजे से स्कूल है तो नौ बजे पहुंच जाते हो या फिर जाते ही नही हो , और गए भी तो मोबाइल में मगन रहते हो !!
एक ट्यूशन पढ़ाने वाला टीचर आपसे ज्यादा शिक्षा छात्र को एक घन्टे में दे देता है जबकि आप…!
बीएसए साहब इस विषय पर ध्यान दें
बेहतर लगे ख़बर तो आगे बढ़ाएं नही तो सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का जीवन नर्क बनाएं,
मुझे पता है यह ख़बर देखकर कुछ अध्यापक पानी पी-पीकर गरियाएगें किन्तु हमें कोई फर्क नही पड़ता क्योकि जो सत्य है वो सत्य ही रहेगा और बोला भी जाएगा ।