दिल्ली __
दमदार 24न्यूज़ महेन्द्र कुमार पाण्डेय __
सम्पूर्ण कष्टों से मुक्ति पाने का एक ही स्थान शनि महराज
शनि शत्रु नही मित्र है॥
दिल्ली में स्थित श्री शनिदेव का पावनधाम श्री शनिधाम यहाँ 21 शनिवार परिक्रमा करने से ही मनोकामना पूर्ति हो जाती हैं। श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनिधाम की स्थापना श्री श्री 1008 अनंत श्री विभूषित श्री शनिधाम पीठाधीश्वेर महामंडलेश्वर स्वामी निजस्वरूपानन्दपुरी जी महाराज (दाती जी महाराज) द्वारा की गयी है। इस धाम को स्थापित करने के पीछे दाती जी का जो उद्देश्य था वो था जनसाधारण के मन में श्री शनिदेव के प्रति व्याप्त भय को दूर करना। क्योंकि उन्हें ये महसूस हुआ कि वास्तम में जो चराचर विश्च को भय से मुक्ति देते हैं लोग उन्हीं से सबसे ज्यादा भयभीत हैं। इसलिए इस शनिधाम के रूप में श्री शनिदेव को लोगों के बीच लाकर उन्होंने लोगों को श्री शनिदेव से जोडऩे की दिशा में एक प्रयास किया ताकि श्री शनिदेव को लेकर लोगों के मन में जो धारणाएं, जो मिथ बस चुके हैं, वो बाहर निकल सकें और खुशी की बात है कि दाती जी का ये ध्येय आज बहुत हद तक पूरा हो चुका है और इस बात को सिद्घ करती है इस शनिधाम में आने वाले लोगों की संख्या, जो दिनोदिन बढ़ती जा रही है। पिछले 40 वर्षो से पूज्य गुरुदेव का एक ही संदेश है : शनि शत्रु नही मित्र है। शनि भाग्य विधाता है। शनिदेव कर्म के दाता है। शनिदेव धर्म के दाता हैं। शनि शत्रु नहीं, मित्र है। आपको श्री शनिदेव से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं, काले रंग से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं। भयभीत होना है तो अपने काले कर्मो से भयभीत होइये। अपने स्वार्थ से भयभीत होइये क्योंकि श्री शनिदेव तो हमेशा सेवा में बसते हैं। फिर चाहे वो गरीबों की सेवा हो या गायों की सेवा या बुजुर्गों की सेवा हो। जो व्यक्ति अपने माता पिता की सेवा, धर्मानुकुल आचरण और राष्ट्र से प्रेम करता है उसे तो भगवान शनिदेव कभी कष्ट दे ही नहीं सकते। लेकिन ये सब बातों लोगों तक पहुचानें के लिए एक प्लेटफार्म चाहिए और उसी प्लेटफार्म का नाम है भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित श्री शनिधाम। जहां श्री शनिदेव के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी, अष्टधातु से बनी मूर्ति इस धाम के शिखर पर स्थापित है। इस मूर्ति की स्थापना 31 मई 2003 में सौ करोड़ बत्तीस लाख शनि मंत्रों के जाप के उपरांत दाती जी महाराज के सानिध्य में श्री श्री 1008 अनंत श्री विभूषित जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी माधवश्रम जी महाराज के करकमलों द्वारा की गई थी। श्री शनिदेव इस शनिधाम के मुख्य देवता हैं। श्री शनिदेव के अलावा धाम में अन्य देवताओं जैसे हनुमान जी, देवी जगदम्बा, माँ काली, नवग्रह, द्वादश ज्योतिर्लिंग, भैरो बाबा और अन्य देवता के मंदिर भी हैं। श्री सिद्ध शंक्ति पीठ शनिधाम की स्थापना को 4 दशक हो गये है। इस धाम की सबसे खास बात यह है कि यहां पूजा करने के लिए कोई भी पंडित या पुजारी नहीं है। यहां सभी पुरुष और महिलायें दोनों खुद ही श्री शनिदेव की परंपरागत रूप से पूजा-अर्चना, तेलाभिषेक करते हैं। भक्त श्री शनिदेव की मूर्ति पर स्वयं लाल लुंगी पहनकर पानी से गीला होकर सरसों का तेल चढ़ाते हैं तो भक्तों की समस्या का समाधान स्वत: ही जाता है। यहाँ प्रत्येक शनिवार को हजारों की तादाद में श्री शनिदेव के भक्त पहुंचते हैं और अपने आराध्य देव श्री शनिदेव की पूजा-अर्चना, तेलाभिषेक करते है। तैलाभिषेक के उपरांत श्री शनिदेव की मूर्ति को गले लगाकर चूमते भी हैं। यहाँ पर श्री शनिदेव की पूजा करने से शनिदेव की दशा, महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के शुभ फलों में वृद्घि होती है। मंदिर में श्री शनिदेव का तेलाभिषेक करते हुए ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’, ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: ‘ मंत्रों का उच्चारण भक्तों द्वारा किया जाता है उसके उपरांत प्राकृत मूर्ति की परिक्रमा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में श्री शनिदेव की पूजा-अर्चना, तेलाभिषेक करता है उसे हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। मंदिर परिसर के अंदर ही पूजा के लिए सामग्री मामूली कीमतों पर उपलब्ध है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मंदिर में बाहर से लाई गयी किसी भी सामग्री ले जाने की अनुमति नहीं है। श्री शनिधाम मंदिर में हर रोज 5 आरतिया होती हैं -प्रथम आरती प्रात: 4 बजे, दूसरी सुबह 7 बजे, तीसरी मध्याह्नï 12 बजे, चौथी सांय 4 बजे तथा पांचवीं आरती संध्या 7 बजे की जाती है। प्रत्येक शनिवार को हर आरती के बाद दाती जी महाराज स्वयं भक्तों के समक्ष उपस्थित होते हैं। प्रत्येक आरती के उपरांत दाती जी महाराज द्वारा सभी शनि भक्तों को कष्टों से मुक्ति के लिए उचित मार्ग दर्शन और उपाय भी दिये जाते हैं। श्री शनिधाम में शनि भक्त श्री शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लोहे से बनी हुई चीज, छाता, कंबल या भंडारे के लिए अनाज आदि चढ़ाते हैं। पूजा में ध्यान लगाना और परिसर में शांति बनाये रखना भक्तों की जिम्मेदारी है। भक्तगण मंदिर का वातावरण शांत और पवित्र बनाये रखने में पूरा सहयोग करते हैं। एक और खास बात यहां आप पूजा करने के अलावा अपनी समस्याओं के निवारण हेतु अलग से समय लेकर ज्योतिष, आयुर्वेद अथवा योग संबंधी परामर्श भी ले सकते हैं। वैसे तो प्रत्येक शनिवार को इस धाम में विधि विधान से पूजा अर्चना होती है परन्तु शनि अमावस्या और शनि जयंती को यहां एक बहुत बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता है। इन दोनों अवसरों पर यहां विशेष पूजा-अर्चना व अनुष्ठान किया जाता है। इस दिन ‘पितृ दोष’ और ‘काल सर्प’ जैसे दोषों के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। कैसे पहुंचे श्री शनिधाम श्री शनिधाम भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है इसलिए धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक •फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग किसी से भी ट्रेवल करके आसानी से यहाँ आ सकते है । 1 फ्लाइट से श्री शनिधाम कैसे पहुंचे – अगर आप श्री शनिधाम के लिए हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली का आधिकारिक हवाई अड्डा है जहां से शनिधाम मंदिर लगभग 16.6 किमी दूर है। 2शनिधाम मंदिर ट्रेन से कैसे पहुंचे – पूरे दिल्ली शहर में मेट्रो रेल सुविधा संचालित है। श्री शनिधाम के लिए सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन छतरपुर और कुतुब मेट्रो स्टेशन हैं। 3सड़क मार्ग से शनिधाम मंदिर कैसे पहुंचे – दिल्ली शहर के लिए कई राज्यों और शहरों से बसें व टैक्सी संचलित हैं जो छतरपुर क्षेत्र तक जाती हैं। टैक्सी और बसों की मदद से आप आसानी से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।