इंटरव्यू

Brs का दावा; ‘परिसीमन होने पर दक्षिणी राज्यों के साथ होगा अन्याय, केंद्र की नीतियों को मानने की मिलेगी सजा’

BRS claims southern states will suffer 'gross injustice' when delimitation of Lok Sabha takes PLACE

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने मंगलवार को कहा कि अगर जनसंख्या के आधार पर लोकसभा सीटों का परिसीमन साल 2026 के बाद किया जाता है तो यह दक्षिणी राज्यों के साथ घोर अन्याय होगा।

बता दें, काफी दिनों से चर्चा बनी हुई है कि अगर भाजपा अगले साल होने वाले आम चुनावों में जीत गई तो केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करेगी। हाल ही में नया संसद भवन बना है, जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 मई को किया था। इस नए संसद भवन की लोकसभा में अधिकतम 888 सांसदों के बैठने की क्षमता है। वहीं, राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की क्षमता है। इसको इसी आधार पर बनाया गया है कि अगर सीटें बढ़ती हैं, तो बैठने की जगह बनी रहे। 

रामाराव ने कहा कि केंद्र की नीतियों का पालन करने वाले और पढ़े लिखे होने का सबूत देते हुए जनसंख्या को नियंत्रित करने वाले दक्षिणी राज्यों के लिए जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होना गलत होगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से दक्षिण के राज्यों के साथ गंभीर अन्याय होने की संभावना है। 



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