
अमरोहा __
दोस्ती की मिसाल पेश करता बेजुबां बंदर, अर्थी पर बैठकर 35 कि.मी. सवारी की।
सोशल मीडिया पर इंसानों और जानवरों के दोस्ती के किस्सों के कई तरह के वीडियो वायरल होते रहते हैं। कुछ वीडियो हंसा जाते हैं तो कुछ रुला जाते हैं। सुख और दुख आते-जाते हैं। दोस्त वही है जो अपने मित्र के हर दुख में चट्टान की तरह खड़ा हो, वरना दोस्ती का कोई मतलब नहीं। एक बेजुबां की दोस्ती का एक ऐसा दिल छू लेने वाला वीडियो सामने आया है। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। बेजुबां अपने दोस्त के निधन पर दोस्ती का फर्ज निभाने पहुंच गया। वायरल वीडियो अमरोहा का बताया जा रहा हैं। बंदर को पिछले काफी समय से खाना देने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो गई। व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी अर्थी पर लिपटकर बंदर खूब रोया और 35 किलोमीटर अर्थी पर बैठकर गंगा घाट भी गया और उसके अंतिम संस्कार में शामिल भी हुआ। इंसान एक बार फर्ज अपना भूल भी जाए लेकिन जानवर नहीं भूल सकते। लेकिन इंसान कितना हैवान है कि मां बाप को वृद्धा आश्रम छोड़कर आ रहा है। इस वायरल वीडियो से आमजनों को सबक सिखना चाहिए कि जब एक बेजुबां जानवर अपना फर्ज निभा सकता है तो एक इंसान हो कर आप अपने लोगों के लिए फर्ज क्यों नहीं निभा सकते।