ख़बर प्रतापगढ़
कान्हा गौशाला में चारे पानी के अभाव में मर रहें मवेशी,, नगर पंचायत कटरा मेदनी गंज
गर्मी का मौसम जानवरों के लिए बेहद कठिन समय होता है, खासकर उन जानवरों के लिए जो खुले में रहते हैं। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, पानी के स्रोत सूख जाते हैं, और छाया की जगहें कम हो जाती हैं। ऐसे में ये जानवर असहाय होकर गर्मी से तड़पते हैं और कई बार उनकी मौत हो जाती है।
वन्यजीवों के लिए गर्मी एक बड़ी चुनौती होती है। जंगलों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो पानी की कमी एक गंभीर समस्या बन जाती है। तालाब और झीलें सूख जाती हैं, जिससे जानवरों को पानी की तलाश में दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। पानी की कमी से न केवल प्यास की पीड़ा होती है, बल्कि इससे उनके शरीर का तापमान नियंत्रित रखने में भी दिक्कत होती है।
इसी क्रम को देखते हुऐ नगर पंचायत कटरा मेदनी गंज के कान्हा गौ शाला का मामला सामने आया है जहां पर पेट भर चारा और पानी के लिए तड़प रहे मवेशी
गांवों और शहरों में रहने वाले जानवरों की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। आवारा कुत्ते, बिल्लियां, गाय, और अन्य जानवर भीषण गर्मी से बचने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। पक्की सड़कों और कंक्रीट की इमारतों से निकलने वाली गर्मी उनकी परेशानी को और बढ़ा देती है। अक्सर देखा गया है कि सड़कों पर बेसुध पड़े जानवर गर्मी के कारण जान गंवा देते हैं।
गर्मी का सीधा असर केवल प्यास और भूख पर ही नहीं, बल्कि जानवरों के संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है। अत्यधिक गर्मी के कारण हीटस्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। हीटस्ट्रोक एक गंभीर स्थिति होती है जिसमें जानवर का शरीर अत्यधिक गर्म हो जाता है, और वह बेहोश हो सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है। इसके अलावा, गर्मी से जानवरों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे वे बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।
संक्षेप में, गर्मी का मौसम में जानवर पानी और छाया के बिना तड़प-तड़प कर ना मरे। इसके लिए सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां पर गौ माता की हमेशा सेवा में तात्पर्य रहते हैं,, वही इसी क्रम में किस तरह से दरकिनार करते नजर आ रहे हैं कटरा मेदनी गंज के नगर पंचायत अध्यक्ष,