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जिलाधिकारी ने शासन के सर्वोच्च विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों की समीक्षा की

जिलाधिकारी ने शासन के सर्वोच्च विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों की समीक्षा की
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शासन के सर्वोच्च विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दें अधिकारी-जिलाधिकारी
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प्रतिष्ठानों पर मिलावटी खाद्य/पेय पदार्थो के विक्रय पर प्रभावी रोकथाम किया जाये-जिलाधिकारी
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पराली को गौशालाओं में भेजवानें हेतु ग्राम प्रधानों के माध्यम से लोगों को करें प्रेरित-जिलाधिकारी
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प्रतापगढ़। जिलाधिकारी संजीव रंजन ने विकास भवन के सभागार में कल देर सायंकाल शासन की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों/कार्यो की समीक्षा की। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा के परियोजना निदेशक डीआरडीए ने बताया कि 93 प्रतिशत आवास पूर्ण हो गये है जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि लाभार्थियों के अपूर्ण आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण करायें। वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांग पेंशन एवं निराश्रित महिला पेंशन की समीक्षा में जिलाधिकारी ने अधिकारियांं को निर्देशित किया कि पेंशन से सम्बन्धित लाभार्थियों के जो भी शिकायतें आती है उसका निराकरण करायें एवं पात्र व्यक्तियों को पेंशन का लाभ दिलायें, कोई भी पात्र व्यक्ति पेंशन योजना से वंचित न रहे इसका विशेष ध्यान दें। खाद्य एवं रसद विभाग की समीक्षा में दौरान यह संज्ञान में आया कि राशन की दुकानों पर अपात्रों को राशन दिये जाने सम्बन्धी शिकायतें आ रही है जिस पर जिलाधिकारी ने जिला पूर्ति अधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि अपात्रों का सत्यापन कराया जाये, इसके साथ ही साथ अन्य विभिन्न योजनाओं में भी सत्यापन का कार्य 30 नवम्बर तक पूर्ण कर लिया जाये। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की समीक्षा में जिलाधिकारी ने सहायक आयुक्त (खाद्य) को निर्देशित किया कि दीपावाली पर्व के दृष्टिगत दुकानों पर मिठाईयों एवं खोवा की जांच की जाये, मिलावटी खाद्य/पेय पदार्थो के विक्रय पर प्रभावी रोकथाम किया जाये। गौ-आश्रयों की समीक्षा में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि कोई भी गोवंश सड़कों पर न घूमे, गोवंशों को अस्थायी गौशालाओं में संरक्षित किया जाये और उनकी जियो टैगिंग भी करायी जाये। गो आश्रय स्थलों एवं व्यक्तियों द्वारा गांव में संरक्षित किये गये गोवंशों का सर्वे करायें एवं रजिस्टर में अंकित करें। समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 4 से 5 हेक्टेयर तक की भूमि चिन्हित करायें जिससे पर्याप्त मात्रा में गोवंशों को हरा चारा उपलब्ध हो सके। यह भी निर्देशित किया गया कि पराली को अपने नजदीकी गौशालाओं में भेजवाया जाये, इस हेतु ग्राम प्रधानों के माध्यम से लोगों को प्रेरित करें।
आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा में जिलाधिकारी ने कहा कि आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुये उसका निस्तारण गुणवत्त्तापूर्ण ढंग एवं समयबद्ध तरीके से करें, जिससे शिकायतें बार-बार न प्राप्त हो। उन्होने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि कोई भी सन्दर्भ डिफाल्टर श्रेणी में न जाने पाये और निस्तारण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। अधिकारी मौके पर जाकर शिकायतकर्ता की उपस्थिति में समस्याओं का निराकरण करें तथा स्पष्ट आख्या पोर्टल पर अपलोड करें। आईजीआरएस पोर्टल के कार्यो में किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नही है। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, मण्डी परिषद, औद्यानिक मिशन, मत्स्य, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह, आपरेशन कायाकल्प, कौशल विकास मिशन, कृषि विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, कन्या सुमंगला योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं/कार्यो की समीक्षा की। उन्होने अधिकारियों से कहा कि किये गये विकास कार्यो में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये। शासन के सर्वोच्च विकास प्राथमिकता कार्यक्रमो ंपर विशेष ध्यान दिया जाये, लापरवाही कदापि न बरती जाये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत सेहारा, जिला विकास अधिकारी राकेश प्रसाद, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 आर0सी0 शर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जीएम शुक्ला, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी राजेश कुमार सिंह सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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जिला सूचना कार्यालय प्रतापगढ़ द्वारा प्रसारित

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