दुनिया

सीने मैं जलन आँखों मे तूफान सा क्यो है

रिपोर्ट-अजीत पाण्डेय

” सीने मैं जलन, आंखों में (तूफान)सा क्यों है “???

बिपरजोय चक्रवाती तूफान:

अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ समुद्र में 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। उस तूफान की रफ्तार 125 से 150 किलोमीटर/घंटे तक हो सकती है। बिपरजॉय को लेकर उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर है।

मौसम विभाग का अनुमान है कि गुजरात के जखाऊ पोर्ट और पाकिस्तान के करांची से होकर इस तूफान का ‘आई ऑफ साइक्लोन’ ( Eye of the cyclone) है।

मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक मध्य रात्रि तक लैंडफॉल जारी रहेगा । मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि ‘आई ऑफ साइक्लोन’ किसी भी चक्रवात का सबसे खतरनाक हिस्सा होता है।

साइक्लोन बिपरजॉय लगभग 300 किलोमीटर का एक जोन बनाकर समुद्र में आगे बढ़ा है। ‘आई ऑफ साइक्लोन’ के जगह पर हवा की रफ्तार सबसे अधिक होती है। यह जब तट से टकराता है तो सबसे अधिक नुकसान होता है। किसी भी चक्रवात के केंद वाले हिस्से में ‘आई ऑफ साइक्लोन’ होता है।’आई ऑफ साइक्लोन’ पर हवा की रफ्तार 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है।

बिपरजॉय तूफान का असर राजधानी दिल्ली सहित उत्तराखंड तथा उत्तर भारत में कई जगह दिखेगा जिसके कारण 16 जून के बाद कई जगह बारिश हो सकती है।भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी बारिश की भविष्यवाणी की है।

स्काईमेट वेदर ने कहा कि अरब सागर में चक्रवात 5 जून को दस्तक देने के बाद जून के तीसरे हफ्ते में राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश और तेज चक्रवर्ती तूफान ला सकता है। एजेंसी ने कहा है कि तूफान के कारण होने वाली बारिश सामान्य मानसून की बारिश नहीं है और इससे किसानों को खेती में फायदा नहीं होगा।आईएमडी के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ ही आसमान मौसम शुष्क रहने के आसार हैं हालांकि आईएमडी के अनुसार कम से कम एक हफ्ते तक लू चलने के कोई आसार नहीं हैं।

क्या करें और क्या न करें??

1. तूफान के दौरान घर से बाहर न निकले जब तक ऐसा करना अत्यंत जरूरी ना
हो l

2. यदि आपके पास वाहन है और आप घर से बाहर निकलना चाहते हो तो आरंभिक चेतावनी के समय ही घर से निकलें l

3. तूफान के दौरान टेलिफोन लाइनों तथा धातु के पाइप में विद्युत का संचार हो सकता है इसलिए इनसे दूर रहिए l

4. बिजली के उपकरणों को प्लग से निकाल दीजिए और टेलिफोन या अन्य किसी बिजली के उपकरण का प्रयोग न करें l
5. मकान के ऊपर न जाएं, मकान के नीचे जमीन के नजदीक रहें l किसी पुराने और जर्जर मकान या पेड़ के समीप न जाएं l
6. तूफान पर नज़र रखें l यदि हवा की रफ्तार अचानक थम जाती है तो यह न समझे कि तूफान रूक गया है l दूसरी दिशा से हवा फिर चल सकती है l

7. यदि आप वाहन चला रहे हो तो वाहन को समुद्र तट,वृक्षों, बिजली के लाइनों तथा जलाशयों से दूर रखें और वाहन के भीतर ही रहें l

8. घर से बाहर न निकलें जब तक कि अधिकारिक रूप से यह सलाह दी जाती है कि ऐसा करना सुरक्षित है l

10. रसोई गैस के रिसाव की जाँच कर
लें l यदि यह गीला है तो बिजली के उपकरणों का उपयोग न करें l

11. खुले रास्ते से होकर वापस आए और इसके लिए जल्दबाजी न करें l संकीण रास्तों की उपयोग कभी ना करें।

12. बिजली के गिरे हुए नंगी तारों,क्षतिग्रस्त पुलों, मकानों और वृक्षों से सावधान रहें तथा बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में प्रवेश न करें।

13. अपने घर को चारों ओर साफ-सुथरा रखें और कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करें ।

” स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें “।

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